Posts

Showing posts from July, 2020

Power to punish for contempt of Supreme Court was explicitly introduced-Constituent Assembly Debates

Image
CO NST ITUENT ASSEMBLY DEBATES (PROCEEDINGS)- VOLUME  VIII CONSTITUENT ASSEMBLY OF INDIA   Article 108 in Draft Constitution   " The Supreme Court shall be a court of record and shall sit in Delhi and at such other place or places, if any, as the Chief Justice may, with the approval of the President, from time to time, appoint." Friday, the 27th May 1949 The Honourable Dr. B. R. Ambedkar "Sir, the new article 108 is necessary because we have not made any provision in the Draft Constitution to define the status of the Supreme Court. If the House will turn to article, 192, they will find exactly a similar article with regard to the High Courts in India. It seems therefore necessary that a similar provision should be made in the Constitution in order to define the position of the Supreme Court. I do not wish to take much time of the House in saying what the words 'a court of record' mean. I may briefly say that a court of record is a court the records of w...

Whether attending Bhumi Pujan by PM India is prohibited by Constitutional Oath?

Image
Whether a ttending Bhumi Pujan in official capacity by PM India is prohibited by constitutional oath. Because Secularism is part of the Basic Structure of Constitution.  This is being debated today.It is imperative to know the truth behind this term "secularism" in India .Meaning and interpretation was debated in the Assembly   on several occasions.  It is relevant to mention the debate dated  27 December 1948  of Constituent Assembly  for the amendment no 1146 standing in the name of  H .V. Kamath. Debates on the  Amendment no 1146 clearly, explicitly and precisely underlines in the meaning of secularism in the India. Amendment No. 1146, as moved and duly adopted , was as follows:- "That in the affirmation or oath in article 49, for the words 'I, A. B. do solemnly affirm (or swear)', the following be substituted:- 'In the name of God, I, A. B, do swear' or alternatively, 'I, A. B. do solemnly affirm'." ...The more, Sir, we ...

Political crisis in state of Rajasthan - introspection for constitutional morality

Image
 In wake of the constitution crisis in state of Rajasthan,i t is worth remembering the views of Dr Ambedkar on Constitutional Morality as expressed by him in the Constituent Assembly, CONSTITUENT ASSEMBLY OF INDIA DEBATES (PROCEEDINGS)- VOLUME VII Thursday, the 4th November 1948 The Honourable Dr. B. R. Ambedkar  (Bombay: General):....Grote. the historian of Greece, has said that: "The diffusion of constitutional morality, not merely among the majority of any community but throughout the whole, is the indispensable condition of a government at once free and peaceable;since even any powerful and obstinate minority may render the working of a free institution impracticable, without being strong enough to conquer ascendency for themselves." By constitutional morality Grote meant "a paramount reverence for the forms of the Constitution, enforcing obedience to authority acting under and within these forms yet combined with the habit of open speech, of action subject only ...

क्रिमिनल लॉ सुधार समिति -2

Image
क्रिमिनल लॉ  सुधार  समिति ने दूसरी प्रश्नावली  वेबसाइट पर अपलोड कर दी  है।   भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों पर लोगों के विचार मांगे गए हैं।  जिससे कि सुधार समिति अपना कुछ निर्णय ले सके. दूसरी प्रश्नावली में प्रश्नों को 5 भागों में बांटा गया है।  एबेटमेंट, क्रिमिनल कांस्पीरेसी, एटेम्पट  के ऊपर राय मांगी गई है. भाग ए   में जो कि लोक सेवकों से संबंधित हैं उनके बारे में यह राय मांगी गई है कि अध्याय 9 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावे और इसको डिक्रिमिनलाइज कर दिया जाए. इसी प्रकार लॉ कमीशन की 277  रिपोर्ट का  हवाला देते हुए यह पूछा गया है कि रोंगफुल प्रॉसिक्यूशन  की क्या परिभाषा और उसके क्या दायित्व हो?इसी प्रकार करप्शन ,ब्राइबरी, भ्रष्टाचार के तहत प्राइवेट सेक्टर में भी आपराधिक कार्यवाही किए जाने पर लोगों की राय मांगी गई।   समिति ने आजकल सोशल मीडिया पर हेट  स्पीच को क्रिमिनलाइज करने एवं इसको एक अलग से अपराध घोषित करने के लिए राय मांगी गई है, कि हेट स्पीच को किस  प्रकार...

मंथन

Image
                                    मंथन तर्क का कत्ल अपेक्षाओं की आत्महत्या सत्य का गला घोटना झूठ का आवरण ईमानदारी के साथ धोखा बेइमानी को गले लगाना आदर्शो पर ग्रहण पवित्रता की अनदेखी भौतिक सुख को वरीयता भावनाओं का यदा - कदा स्वागत मानको में दोगलापन आत्म संयम मौन को समझना कमजोरी देखा देखी में त्याग का बहिष्कार बलिदान एक अपवाद नियम कानून की पालना केवल स्वार्थ सिद्धि के लिए षडयंत्र से नहीं परहेज झूठ और मिथ्या है आधार ऐसी दशा और दिशा है कलयुग की। इस कीचड़ में ही खिलाना है रिश्तों का कमल परम्पराओं का घर , आदर्शों का समाज और नये युग का शंखनाद।                                                              ...

क्रिमिनल लॉ  सुधार समिति

Image
क्रिमिनल लॉ  में सुधार के लिए केन्द्र सरकार द्वारा एक समिति का गठन किया गया है। जिसकी जिम्मेदारी एनएलयू दिल्ली को दी गई है। गृह मंत्रालय द्वारा गठित इस समिति का उद्देश्य है कि बदलते सामाजिक ] आर्थिक तकनीक परिस्थितियों में दण्ड संहिता में सुधार। समिति द्वारा एक प्रश्नावली बनाई गई है जिसे तीन भागों में बांटा गया है। भाग-ए में स्ट्रीक्ट लाइबिलिटी सिद्धांत को आईपीसी में लागू करने का   विचार रखा है। इसी प्रकार आईपीसी के अध्याय-तीन में अतिरिक्त सजा का जोड़ने का प्रस्ताव भी है। साथ ही अध्याय-तीन में वर्तमान में वर्णित सजाओं को समाप्त करने पर सभी लोगों से मत मांगा है। इसके अतिरिक्त सजा की अवधि एवं जुर्माने का पुर्न निर्धारण करने का प्रस्ताव भी है। महंगाई के अनुसार जुर्माना राशि के बढ़ाने/घटाने पर भी विचार किया जा रहा है। प्रश्नावली भाग-बी में आईपीसी के अध्याय-चार के विभिन्न धाराओं को संशोधित करने के लिए राय मांगी जा रही है। ‘ignorantia juris non excusat’ सिद्धांत पर चर्चा सामने आई है। जिसमें अध्याय-चार के अंतर्गत इस सिद्धांत को जोड़ने पर मंथन किया जाएगा। इस सिद्धांत के तहत को...