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Showing posts from March, 2020

कोरोना वैश्विक महामारी में विज्ञान का महत्व

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  भारत   के   प्रधानमंत्री   नरेन्द्र   मोदी   ने   24   मार्च   2020   को   रात्रि   08.00   बजे   यह   घोषणा   करी   कि   कोरोना   महामारी   की   गम्भीरता   को   देखते   हुए   पूरे   देश   में   25   मार्च   से   लेकर 14   अपै्रल   तक   लॉकडाउन   लागू   रहेगा।   माननीय   प्रधानमंत्री   ने   इस   कठोर   कदम   को   उठाने   में   राष्ट्रहित   एवं   जन   स्वास्थ्य   को   आधार   बताया। कोरोना   वायरस   से   फैली   वैश्विक   महामारी   ने   सभी   को   एक   चिंतन   की   ओर   मोड़ा   है   कि   विज्ञान   में   मानव   ने   कितनी   ही   प्रगति   कर   ली   है   परन्तु   प्रकृति   के   सामने   मानव   बौना   ही   है।   इसके   साथ   ही   एक   निराशा   का   अभाव   भी   इस   वक्त   परिस्थितियों   के   विश्लेषण   में   महसूस   किया   जा   सकता   है।   महामारियां   पहले   भी   इस   धरती   पर   आई   जब   विज्ञान   ने   बहुत   ज्यादा   प्रगति   नहीं   की   थी   और   भविष्य   में   भी   महामारी   के   आने   से   इन्कार   नहीं   किया   जा   सकता।   विज्ञान   की   सहायता   से   इस   महामारी   को   किस

लॉकडाउन का सम्मान करें

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     कारोना वायरस से फैल रही महामारी से बचने के लिए विश्वभर में सभी देश पूरी तरह से इस महामारी को रोकने की चेष्टा कर रहे है।  देश अपनी देश की सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और धार्मिक आस्था, परम्परा को ध्यान में रखते हुए सभी प्रकार के कदम उठा रहे है। कोरोना महामारी के कारण अब तक विश्वभर में हजारों लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग कोरोना महामारी से ग्रस्त है, इनका उपचार चालू है। इन परिस्थितियों में मानव व्यवहार को समझा जा सकता है। इस बीमारी ने कुछ तथ्यों को स्पष्ट कर दिया है कि अमीर देश हो या गरीब देश हो प्रगतिशील देश हो या तथाकथित प्रगति वाले युरोपिय देश हो कोरोना वायरस में लॉकडाउन के बिना इस महामारी से नहीं निपटा जा सकता है। किसी भी राज्य के लिए लॉकडाउन का निर्णय लेना बहुत मुश्किल होता है। इटली का उदाहरण हमारे सामने है, जहां पर लॉकडाउन बहुत बाद में किया गया। इटली सरकार ने यह माना था कि वो एक सम्पन्न देश है, वहां के नागरिक सम्पन्न है, वहां के नागरिक शिक्षा में भी विश्व में अग्रणीय रहे है, परन्तु इस महामारी के कारण जारी दिशा-निर्देशों की पालना में इटली के नागरिकों द्वारा अपेक्षित

कोरोना महामारी में व्यक्तिगत एवं सामूहिक दायित्व

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                                    कोरोना   महामारी   में   व्यक्तिगत   एवं   सामूहिक   दायित्व आजकल   कोरोना   वायरस   से   सम्बन्धित   वैज्ञानिक ,  ऐतिहासिक ,  सामाजिक ,  धार्मिक   और   आध्यात्मिक   पहलुओं   पर   सोश्यल   मीडिया   में   चर्चा   का   विषय   बना   हुआ   है इन   सभी   पक्षों   को   पढ़कर   किसी   भी   व्यक्ति   को   यह   निर्णय   लेने   में   कठिनाई   हो   रही   है   कि   किस   पहलु   को   प्राथमिकता   देवें।   यह   प्रश्न   मेरे   सामने   भी   है।   वैज्ञानिक   पहलु   है   जिसको   आधार   बनाकर   सभी   देशों   की   सरकारों    अन्तर्राष्ट्रीय   संस्थाऐं   दिशा - निर्देश   जारी   कर   रही   है।   सभी   से   अपेक्षा   की   जाती   है।   दिशा - निर्देशों   की   पालना   सभी   सुनिश्चित   करें।   भारत   में   सभी   नागरिकों   से   यह   अपेक्षा   एक   स्वाभाविक   प्रक्रिया   है। भारत   में   आध्यात्मिक   ज्ञान   की   कमी   नहीं   है।   भारत   में   मनुष्य   की   संरचना   में   शरीर   को   नश्वर   एवं   आत्मा   को   अनश्वर   माना   गया   है   एवं   आध्यात्मिक   दृष्टि