श्रीअरविन्द का पूर्ण योग - योग दिवस विशेष

पूर्ण योग योग योग सब करते कोई नहीं बताता कैसे करना योग योग के प्रकार बताते अनेक शब्दकोष में योग का अर्थ होता - जुड़ना कौन किससे जुड़ रहा क्या है दो मे संबंध ना करे योग , तो क्या है नुकसान ? करके योग , क्या खोया क्या पाया ? देखा इतिहास भारत का तो एक शब्द में लिखा भारत का इतिहास वो शब्द है ‘‘ योग ’’ । पूछे सब योग और योगी की उपयोगिता न पूछे कोई सत्य का मार्ग यही है भौतिकवाद की छाप अंताराष्ट्रीय योग दिवस के द्वार से पुनः भारत में आ रहा ‘‘ योग ’’ पश्चिम से आता तो लगता है यह पूरी तरह उपयोगी योग है स्वदेशी योग है स्वराज योग देता आर्य आदर्श योग है श्रीअरविन्द का पाँचवा संकल्प मिलता 15 अगस्त 1947 के संदेश में। कि पृथ्वी के विकास क्रम में योग की होगी अहम भूमिका योग मे है विश्व की समस्याओं का समाधान योग सबको देता समान अवसर नहीं करता भेद तमस , रजस और सत में योग करो आरम्भ किसी भी स्तर से योग है पूरी तरह ...