सनातन धर्म ही राष्ट्रीयता है-श्री अरविन्द
सनातन धर्म एक जीवन पद्धति है. हिन्दू धर्म पर भारत के सर्वोच्च न्यायलय का भी यही मत रहा है.श्री अरविन्द उत्तरपाड़ा का भाषण "हिन्दू - सनातन" धर्म के बारे में आज भी हमें सरल , सहज भाव से ,यही दृष्टी समझने में पूरी मदद करता है। HINDU, HINDUISM ,HINDUTAVA आदि पर समग्र चिंतन , दृष्टि और दर्शन मिलता है 30 मई 1909 श्रीअरविन्द का उत्तरपाड़ा का भाषण (AUDIO LINK) . सनातन धर्म ही राष्ट्रीयता है- (१) ===================== (अलीपुर जेल से छूटने के बाद श्रीअरविंद का पहला महत्त्वपूर्ण भाषण उत्तरपाड़ा में हुआ था। 'धर्म रक्षिणी सभा' के वार्षिक अधिवेशन में १९०१ के दिन यह उद्बोधन हुआ था। इसमें उन्होंने अपने जेल-जीवन का आध्यात्मिक अनुभव सुनाया और साथ ही देश को सच्ची राष्ट्रीयता का संदेश दिया। इसमें उन्होंने बताया है कि सच्चा हिंदू धर्म, सच्चा सनातन धर्म क्या है और आज के संसार को उसकी क्यों जरूरत है। उनका यह भाषण उनके जीवन में एक नये मोड़ का परिचय देता है। इस भाषण को सौ वर्ष से अधिक पूरे हो गये हैं) >>> जब मुझे आपकी सभा के इस वार्षिक अधिवेशन में बोलने के लिये कहा गया, तो मैंने यह...