एनआरसी पर कागजों के कारण फैल रही है भ्रांतियां
एनआरसी पर कागजों के कारण फैल रही है भ्रांतियां आसाम राज्य में एनआरसी लागू करने पर लोगों को परेशानियों के बारे में बोला जाता है और लिखा भी जाता है। इसमें प्रमुख कारण यह बताया जाता है कि आसाम में एनआरसी की सूची में नहीं जुड़ने का कारण एक मात्र जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराना पाया गया। तथ्यात्मक रूप से गलत है। इससे यह भ्रांति फैलाई भी जा रही है कि स्वयं या पूर्वज के जन्म प्रमाण पत्र नहीं होने पर सभी को आसाम जैसे परेशानी का सामना करना पड़ेगा। जबकि एनआरसी में नाम जुड़वाने के लिए एक दर्जन से ज्यादा में से एक भी दस्तावेज होने पर एनआरसी में नाम जुड़वाना पर्याप्त माना गया है। जन्म प्रमाणपत्र के अलावा दस्तावेजों पर चर्चा नहीं करने पर भय व आतंक का माहौल तथाकथित बुद्धिजीवी फैला रहे है। राजनीतिक दल भी इस असमंजस का फायदा उठा वोट बैंक की राजनीति से फायदा लेने में कोई संकोच नहीं कर रहे है। 1951 के एनआरसी में स्वयं या पूर्वज के नाम होन...