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Showing posts from December, 2023

VISION of ILS LAW COLLEGE -DHARME SARV PRATISHTHAM

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  MOTTO – VISION OF ILS LAW COLLEGE IS “ DHARME SARV PRATISHTHAM ”   Time to understand ,introspect and deliberate   the meaning and philosophy of the vision of ILS Law College. This demands basic understanding of the word Dharma .So we need to refer to Bharat Ratan Professor PV Kane, Motto of Supreme Court of India and Constituent Assembly Debates  and Sri Aurobindo   Bharat Ratan Professor PV Kane in his. History of Dharmashastra clearly rights that the translation of word Dharma is not possible in any of the languages spoken on earth. The reason he underlines is that no Civilization on this planet has ever experimented or dared to live keeping spirituality at the centre of life. Prof Kane was Judge of Bombay High Court, Sr Adv Supreme Court , Rajya Sabha member .   Debate is often created regarding the word Dharma. The reason for this is that there is lack of understanding of the word Dharma and its true meaning. Due to this, there is a gulf   between Indian culture and scr

राजस्थानी भाषा में शपथ

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  राजस्थान विधानसभा में 20 दिसम्बर 2023    को निर्वाचित सदस्यों   द्वारा शपथ ली गई थी जिसमें    अंशुमान सिंह भाटी और  रविंद्र सिंह भाटी द्वारा राजस्थानी   भाषा में   शपथ ली गई | तो विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर  काली चरण सराफ  द्वारा यह आपत्ति दर्ज कराई गई कि शपथ केवल संविधान की   अनुसूची आठ में वर्णित   22 भाषाओं में ही ली जा सकती है |   प्रश्न यह है कि संविधान की अनुसूची   आठ में अंग्रेजी भाषा का जिक्र नहीं है तो क्या  अंग्रेजी में ली गई शपथ  संवैधानिक नहीं   होगी | संविधान सभा की डिबेट्स को जब हम देखते हैं तो यह पाते हैं कि संविधान का प्रारूप 9 दिसंबर 1946 को अंगेजी भाषा में  प्रस्तुत किया गया | दूसरे ही दिन 10 दिसंबर 46 को  संविधान सभा के सदस्य आर वी धुलेकर ने  संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद   से यह अनुरोध  किया गया कि संविधान सभा में डिबेट्स अंग्रेजी, हिंदी | अथवा मातृभाषा में बोलने की अनुमति हो | जिसे बाद में स्वीकार किया गया | इसी प्रकार   संविधान सभा के   सदस्य गोकुल भाई दौलत राम भट्ट ने भी यह मुद्दा उठाया था कि राजस्थानी भाषा को अनुच्छेद अनुसूची आठ में जोड़ा जाए

क्या "ईश्वर के नाम पर" शपथ सेक्युलर है?

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  क्या " ईश्वर  के नाम पर " शपथ सेक्युलर  है ?     भाजपा नेता भजनलाल शर्मा ने राजस्थान के मुख्यमंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ ले ली है। इस शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। इस दौरान शर्मा के साथ-साथ दो उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा भी शपथ ले ली है। राज्यपाल कलराज मिश्र ने तीनों को शपथ दिलाई। बता दें कि ये कार्यक्रम जयपुर में अल्बर्ट हाल के सामने आयोजित हुआ। भारतीय संविधान को ले कर इस बात पर बहस होती  है कि क्या ईश्वर के नाम पर शपथ लेना भारत के संविधान की आत्मा और भावना   के अनुसार   सेक्यूलर - पंथनिरपेक्ष   है? भारत में इस शब्द " पंथनिरपेक्षता " के पीछे की सच्चाई जानना जरूरी है। संविधानसभा में इसके अर्थ और व्याख्या पर कई अवसरों बहस हुई।   एच . वी . के नाम पर संशोधन संख्या 1146 के लिए संविधान सभा की 27 दिसंबर 1948 की बहस का उल्लेख करना प्रासंगिक है। कामथ द्वारा पस्तावित  संशोधन संख्या 1146 पर बहस भारत में धर्मनिरपेक्षता के अर्थ को स्पष्ट , स्पष्ट और सटीक रूप से र