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Showing posts from November, 2020

संविधान के रोचक तथा महत्वपूर्ण तथ्य

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  भारत के मूल संविधान (अंग्रेजी) को हस्तलिपिबद्ध/सुलेख  करने का श्रेय प्रेम बिहारी नारायण (सक्सैना) को जाता है और हिन्दी में सुलेखन करने का श्रेय बसंत कृष्ण वैद्य को मिलता है। भारत के मूल संविधान को हस्तलिपिबद्ध/सुलेख  करने का श्रेय प्रेम बिहारी नारायण (सक्सैना) को जाता है। मूल संविधान को हस्तलिपिबद्ध करने पर मानदेय का प्रस्ताव पं. नेहरू ने दिया था। इस पर प्रेम बिहारी ने मानदेय लेने से इंकार तो किया पर यह शर्त रखी की मूल संविधान के सभी पृष्ठों पर उनका नाम अंकित होगा। अंतिम पेज पर उनका व उनके दादाजी का नाम लिखने की मंशा व्यक्त की। पं. नेहरू ने इस शर्त को सहर्ष स्वीकार किया। मूल संविधान को हस्तलिपिबद्ध करने में पूरे छः महीने का समय लगा। 254 पेन होल्डर निब काम में आए व 303 नम्बर की निब इस कार्य के लिए काम में ली गई। इस कार्य/योगदान के लिए प्रेम बिहारी नारायण (सक्सैना) को पद्मविभूषण सम्मान से सरकार ने सम्मानित किया। देहरादून स्थित भारतीय सर्वेक्षण विभाग कार्यालय द्वारा फोटोलिथोग्राफी का कार्य पूरा किया गया।  संविधान सभा के सदस्यों के हस्ताक्षर आठवीं अनुसूची के बाद 11 पेज...

मूल हस्तलिखित संविधान 22

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  मेरा भारत महान मेरा संविधान महान , बनाया इसको हम लोगों ने , हम भारत की महान संस्कृति के लोगो ने। पहली अभीप्सा मिलती स्वराज की , तिलक की घोषणा से   ‘ स्वाराज है मेरा जन्माधिकार ’ प्रथम मांग उठाई पूर्ण स्वतंत्रता की श्रीअरविन्द ने , औपचारिक घोषणा करी एम.एन. रॉय ने संविधान सभा के लिए। मिली प्रतिकृति मूल हस्तलिखित संविधान की सूर्य प्रताप को बारह जनवरी   2017  को राष्ट्रीय युवा दिवस पर यह था यह उपहार देखा मूल संविधान तो मिला ज्ञान , जाना इसका इतिहास , समझी संविधान सभा की मंशा , सभा की दूरदृष्टि ,  समग्रता । अखण्ड भारत के संविधान सभा की संख्या थी   389 भारत के संविधान सभा की संख्या हुई   299 सर बी.एन. राव को बनाया सांविधानिक सलाहकार सर बी.एन. राव ने प्रश्नमाला बनाई संविधान सभा के लिए संविधान सभा द्वारा हाथी को प्रतीक (मुहर) के रूप में अपनाया बनाई समितिया बनाने को संविधान अंग्रेजी में संविधान को सुलेख करने का श्रेय मिला प्रेम बिहारी नारायण रायजादा को   हिन्दी में संविधान को सुलेख का श्रेय मिला वसंत कृष्ण वैध को नंद  लाल ब...

संविधान दिवस 2020

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संविधान दिवस भारत में 26 नवम्बर को मनाया जाता है। इस दिन संविधान सभा द्वारा पारित संविधान को अंगीकार किया था। संविधान सभा को मनाने के पीछे यह उद्देश्य है कि 7 दशक बाद भारत के लोग सांविधानिक नैतिकता को समझ सके। उन्हें इस बात का भान हो कि संविधान को बनाने में 299 लोगों की भूमिका थी। सीधे रूप से 2 दर्जन समितियों/उपसमितियों द्वारा विभिन्न विषयों पर रिपोर्ट पेश की गई थी। उनमें से प्रमुख निम्न प्रकार है।          संविधान सभा की समितियां और उनके अध्यक्ष 1 1 नियम समिति 2 संचालन समिति 3 वित्त और कर्मचारी समिति 4 राष्ट्रीय ध्वज के लिए तदर्थ समिति डॉ . राजेन्द्र प्रसाद भारत रत्न से   सम्मानित   1962   2 1 राज्य समिति 2 संघ शक्ति समिति 3 संघ संविधान समिति जवाहरलाल नेहरू भारत रत्न से   सम्मानित 1955   3 1 प्रांतीय संविधान समिति 2 मूल अधिकार , अल्पसंख्यक अधिकार आदि की सलाहकार समिति ...