श्रीअरविन्द का 15 अगस्त, 1947 का सन्देश

श्रीअरविन्द का 15 अगस्त, 1947 का सन्देश 15 अगस्त, 1947 स्वाधीन भारत का जन्मदिन है। यह दिन भारत के लिए पुराने युग की समाप्ति और नए युग का प्रारम्भ सूचित करता है। परन्तु हम एक स्वाधीन राष्ट्र के रूप में अपने जीवन और कार्यों के द्वारा इसे ऐसा महत्वपूर्ण दिन भी बना सकते हैं जो सम्पूर्ण जगत् के लिए, सारी मानव जाति के राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा आध्यात्मिक भविष्य के लिए, नवयुग लाने वाला सिद्ध हो। 15 अगस्त मेरा अपना जन्मदिन है और स्वाभावतः ही यह मेरे लिए प्रसन्नता की बात है कि इस दिन ने इतना विशाल अर्थ तथा महत्व प्राप्त कर लिया है। परन्तु इसके भारतीय स्वाधीनता-दिवस भी हो जाने को मैं कोई आकस्मिक संयोग नहीं मानता, बल्कि यह मानता हूँ कि जिस कर्म को लेकर मैंने अपना जीवन आरम्भ किया था उसको मेरा पथ-प्रदर्शन करने वाली भागवती शक्ति ने इस तरह मंजूर कर लिया है और उस पर मुहर भी लगा दी है और वह कार्य पूर्ण रूप से सफल होना आरम्भ हो गया है। निःसंदेह आज के दिन मैं प्रायः उन सभी जागतिक आन्दोलनों को, - जिन्हें मैंने अपने जीवन काल में ही देखने की आशा की थी, यद्यपि उस समय वे असम्भव स्वप्न ज...