श्री अरविन्द का उत्तरपाड़ा भाषण
प्रत्येक भारतीय को यह लेख अवश्य पढना चाहिए . श्री अरविन्द का उत्तरपाड़ा भाषण . सनातन धर्म ही राष्ट्रीयता है- (१) ===================== (अलीपुर जेल से छूटने के बाद श्रीअरविंद का पहला महत्त्वपूर्ण भाषण उत्तरपाड़ा में हुआ था। 'धर्म रक्षिणी सभा' के वार्षिक अधिवेशन में १९०१ के दिन यह उद्बोधन हुआ था। इसमें उन्होंने अपने जेल-जीवन का आध्यात्मिक अनुभव सुनाया और साथ ही देश को सच्ची राष्ट्रीयता का संदेश दिया। इसमें उन्होंने बताया है कि सच्चा हिंदू धर्म, सच्चा सनातन धर्म क्या है और आज के संसार को उसकी क्यों जरूरत है। उनका यह भाषण उनके जीवन में एक नये मोड़ का परिचय देता है। इस भाषण को सौ वर्ष से अधिक पूरे हो गये हैं) >>> जब मुझे आपकी सभा के इस वार्षिक अधिवेशन में बोलने के लिये कहा गया, तो मैंने यही सोचा था कि आज के लिये जो विषय चुना गया है उसी पर, अर्थात् हिंदू धर्म पर कुछ कहूंगा। मैं नहीं जानता कि उस इच्छा को मैं पूरा कर सकूंगा या नहीं, क्योंकि जैसे ही मैं यहां आकर बैठा, मेरे मन में एक संदेश आया और यह संदेश आपको और सारे भारत राष्ट्र को सुनाना है। यह वाणी मुझे पहले-पहल जेल में सु...