भारत के पराक्रम के सूर्योदय का शंखनाद है- पराक्रम दिवस की घोषणा
23 जनवरी 2022 में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती मनाई जाएगी। भारत सरकार द्वारा 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। नेताजी बोस की 125वीं जयंती को 23 जनवरी 2021 से आरम्भ करने का निर्णय भी ले लिया गया है ताकि राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उनका सत्कार किया जा सके। संविधान सभा की कार्रवाई दिनांक 22 जनवरी 1948 को माननीय सदस्य श्री एच.वी. कामथ द्वारा 23 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की इच्छा जताई थी। अतः भारत सरकार द्वारा 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मानने की घोषणा संविधान सभा की भावना के अनुरूप ही है। प्रत्येक वर्ष नेताजी बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मानने से देश के लोगों को विशेषकर युवाओं को विपत्ति का सामना करने के लिए नेताजी के जीवन से प्रेरणा मिलेगी और उनमें देशभक्ति और साहस की भावना समाहित होगी। इसी प्रकार 3 दिसम्बर 1948 को भी नेताजी बोस को स्मरण किया गया। जहां नेताजी बोस से प्रेरित एक प्रस्ताव की चर्चा हुई कि भारत के प्रत्येक नागरिक को सामाजिक सेवा के लिए विद्यार्थी काल में कुछ समय देना चाहिए। इसी भावना से...